0 गरीब के घर में पड़ी लाश को भी नहीं छोड़ा, भाजपा का चरित्र उजागर : ज्योत्सना महंत

 

कोरबा। सांसद एवं कांग्रेस की कोरबा लोकसभा प्रत्याशी श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत ने कहा कि राजनीति तो इंसानों की भलाई और सेवा के लिए होती है। पर भारतीय जनता पार्टी की रीति नीति इससे कोई इत्तेफाक नहीं रखती। यही वजह है जो अब भाजपा के लोग एक गरीब के घर में पड़ी लाश की नुमाइश तक करने लगे हैं। उन्होंने एक गरीब की दुर्भाग्य जनक परिस्थितियों में मौत को तमाशे में तब्दील कर दिया है, जिससे मानवता और संवेदना ही नहीं स्वयं शर्म भी शर्मसार होती दिख रही है। एक अबला बुजुर्ग की लाश पर राजनीतिक रोटी सेंक रही भाजपा और उनकी भाजपाई प्रत्याशी सरोज पांडेय ने यह साबित कर दिखाया है कि कुर्सी तक पहुंचने वे लोगों की लाश पर भी चल और कुचल सकते हैं।

 

 

बड़े ही हैरत की बात है कि कांग्रेस को कोरबा लोकसभा प्रत्याशी की नामांकन रैली 18 से 19 दिन पहले आयोजित हुई थी। निश्चित तौर पर उस रैली में सैकड़ों की संख्या में जन सैलाब उमड़ा था। एक बुजुर्ग होकर भी उस बेतहाशा भीड़ में शामिल होकर जनता की आवाज बनने वाली महिला का साहस अनुकरणीय है। उन्होंने अपने हौसले से खुद को लोकतंत्र की मुखर आवाज साबित किया है। कांग्रेस पार्टी की संवेदना उस परिवार के साथ है। पर दुर्भाग्य से उनके साथ घटित इस दुर्घटना को आधार बनाकर एक गरीब और मजलूम परिवार की दुख की घड़ी को तमाशा बना देना कहां तक उचित है। कोरबा की आम जनता के बूते ही आज कांग्रेस की ताकत को कई गुना बढ़ी है। निश्चित तौर पर इसमें उस दिवंगत बुजुर्ग महिला का भी योगदान भी शामिल है। पर दुखद घटना को सीढिय़ों की तरह इस्तेमाल कर रही भारतीय जनता पार्टी ने अपने वास्तविक और कुत्सित चरित्र भी रूबरू कराया है। भाजपा का एक ऐसा भयावह चेहरा उजागर हुआ है, जिसे देखकर आम आदमी ही नहीं, पूरे समाज के लिए दहशत से भरी भाजपा की काली राजनीति का अंदेशा लगाया जा सकता है। ऐसी ओछी राजनीति करने वालों को शर्म से डूब जाना चाहिए। पर वे भी क्या कर सकते हैं। उन्हें तो यह चरित्र विरासत में मिली है, जिसे राह बनाकर ही वे यहां तक चले आए हैं, जिसका परिणाम भविष्य में खुद जनता ही निर्धारित करेगी।