बिसाहूलाल पालीवाल दिग्गज नेताओं में शुमार रहे

जब मैं छोटा था किंतु इतना भी नहीं की समझ न पाऊं, स्व.बिसाहूंदास महंत जी,हमारे घर आते रहे हैं। मेरे स्वर्गीय पिता बिसाहूलाल पालीवाल ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे।

मंडल कांग्रेस कमेटी का सचिव और जिला युवक कांग्रेस कमेटी बिलासपुर के महामंत्री के पद पर 1975 में श्री पालीवाल को कार्य करने का अवसर मिला था। पिता स्व. बिसाहूलाल पालीवाल ब्लाक कांग्रेस कमेटी,मंडल कांग्रेस कमेटी,युवक कांग्रेस कमेटी जांजगीर के पद पर रहकर कार्य किये।

आपातकाल के बाद 1977 के विधानसभा चुनाव में स्वर्गीय बिसाहूदास महंत जब चांपा मिशन अस्पताल में भर्ती थे, तब बिलासपुर जिले से कांग्रेस केवल दो सीटों पर चुनाव जीती थी। स्व.बिसाहूदास महंत और स्व.भवानी लाल वर्मा चुनकर आये थे। 1980 से चरणदास महंत ने अपने विरासत में प्राप्त व्यवहार कुशलता को आगे बढ़ाया और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ज्योत्सना महंत ने भी पूरी तरह से अनुसरण किया है।राजनीति में पद प्राप्त करने के बाद आकाश में उड़ने वाले पक्षी की तरह नेता उड़ने लगते हैं और जिनकी बदौलत वे चुनाव जीतते हैं, उसे भूल जाते हैं। यह पार्टी विशेष या व्यक्ति विशेष की बात नहीं है,कामोबेश बहुताय नेताओं में यह आम बात है।स्व.बिसाहूदास महंत और उनके पुत्र डॉ.चरणदास महंत तथा उनकी पत्नी श्रीमती ज्योत्सना महंत,अपवाद हैं। 8 दशक तक राजनीति में स्थापित रहना कोई सामान्य बात नहीं है। राजनीति में सक्रिय लोगों के लिए महंत परिवार निःसन्देह एक प्रेरणा है।

राजेन्द्र पालीवाल सीनियर एडवोकेट व नोटरी व संपादक छग प्रवक्ता व धर्मसत्ता व वरिष्ठ पत्रकार कोरबा छत्तीसगढ़